Resident Mentor for IMAGE CoE at Hyderabad
Employment Notice No. STPIH/Rect./2022-2023/001
Vacancy for the post of Resident Mentor for IMAGE CoE at Hyderabad. (1 nos.)
Employment Notice No. STPIH/Rect./2022-2023/001
Vacancy for the post of Resident Mentor for IMAGE CoE at Hyderabad. (1 nos.)
Date: May 07, 2022
बरेली के होटल रेडिसन में IT पार्क को लेकर STPI कमेटी द्वारा एक इंटरएक्टिव मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसमे बरेली में सरकार द्वारा STPI के लिए गए 2 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री के बाद STPI के साइज को लेकर चर्चा की गई। मीटिंग में आए अथितियो ने बरेली में STPI की स्थापना से होने वाले फायदे तथा नौकरी और अपने बिजनेस आइडिया के लिए बाहर जाने वाले स्टूडेंट्स को अपने शहर में होने वाली तरक्की के बारे में बताया।
मीटिंग में बताया गया कि जो स्टूडेंट इंजीनियरिंग करके बरेली से बाहर जाकर नौकरी की तलाश करते हैं अब उन्हें बरेली में ही अच्छी नौकरियां मिलने वाली है, STPI से बरेली के बिजनेस सेक्टर को भी होने वाले फायदे के बारे में बताया गया तथा यह सुनिश्चित किया गया कि बरेली में STPI शुरुआत होने पर उसमें करीब 10 लोग पहले से ही शामिल होंगे।
बैठक में मुख्य अतिथि भारत सरकार संयुक्त सचिव श्री भुवनेश कुमार, डायरेक्टर जनरल -STPI श्री अरविंद कुमार, डायरेक्टर - STPI डॉ रजनीश अग्रवाल, लघु उधोग भारती के उन्मुक्त सम्भव शील, आईआईए के नेशनल जनरल सेक्रेट्री श्री दिनेश गोयल, क्रेडाई यू पी के प्रेसिडेंट इलेक्ट श्रीर मनदीप सिंह, चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रेसिडेंट श्री राजेश गुप्ता, अध्यक्ष रुहेलखण्ड मैनेजमेंट एसोसिएशन डॉ मनीष शर्मा, रुहेलखंड इन्क्यूबेशन फाउंडेशन की नेशनल एडवाइजरी कमेटी के सदस्य डॉ विनय खंडेलवाल ,डॉ स्वतन्त्र कुमार एवं डॉ आशीष गुप्ता मौजूद रहे।
Date: May 02, 2022
श्री अरविंद कुमार, डीजी-एसटीपीआई, ने टाईकॉन चंडीगढ़-2022 में आईटी/आईटीईएस कंपनियों को 'एसटीपीआई एक्सीलेंस अवार्ड्स ' प्रदान किये ।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स संलग्न :
12.29.04
इलेक्ट्रोप्रेन्योर पार्क - नई दिल्ली, सीजन 9
इलेक्ट्रोप्रेन्योर पार्क इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) द्वारा वित्त पोषित एक इनक्यूबेशन केंद्र है, जिसे सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) द्वारा प्रबंधित किया जाता है, जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय अकादमिक भागीदार के रूप में और इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) कार्यान्वयन भागीदार के रूप में है। यह पहल, जिसका बजट 21.10 करोड़ रुपये है, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) के क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण के लिए मूल्य वर्धन के लिए आईपी निर्माण और उत्पाद विकास पर केंद्रित है।
आवेदन जमा करने की तारीख: 5 अप्रैल 2022
आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि : 30 अप्रैल 2022
Date: April 06, 2022
आज के समय में महिलाएं सिर्फ फूड और फैशन ही नहीं बल्कि आईटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भी स्टार्टअप शुरू कर रही हैं। फिर चाहे वह देश की बड़ी मेट्रो सिटीज में रहे या किसी राज्य के छोटे से शहर में काम करे। सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI) के प्रोग्राम चुनौती 2.0 में देशभर से 79 महिला एंटरप्रेन्योर को चुना गया है। इसमें 40 महिलाएं दक्षिण भारत के 5 राज्यों से हैं। बाकी 12 राज्यों से 39 महिलाएं एंटरप्रेन्योर हैं।
अकेले आंध्र प्रदेश से आई 24 महिलाएं
चयनित महिलाओं में सबसे ज्यादा महिला एंटरप्रेन्योर्स दक्षिण भारत से देखी गई हैं। 79 में से 24 महिलाएं अकेले आंध्र प्रदेश से ही चुनी गई हैं। इसमें विजयवाड़ा से 20 और विशाखापट्टनम से 4 महिलाएं सिलेक्ट हुई हैं। ओडिशा के भुवनेश्वर से 9 महिलाओं के स्टार्टअप शामिल किए गए हैं। इस तरह दक्षिण के तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र से चुनी महिला एंटरप्रेन्योर्स को जोड़ा जाए तो इनकी संख्या 40 होती है। यानी साउथ की महिलाएं इनोवेशन के मामले में बाकी देश के बराबर हैं।
उत्तर भारत की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब राज्य से 20 महिलाओं के आइडिया को चुना गया है।
मेडिकल और एग्रीकल्चर में बदलाव लाना है इन महिलाओं की मंजिल
नेक्स्ट जनरेशन एडवांसमेंट से देश के हर सेक्टर में बदलाव लाने के लिए एसटीपीआई ने इस प्रतियोगिता को कई डोमेन में बांटा है। जैसे कि मेडिकल सेक्टर में एडवांसमेंट को मेड टेक, एजुकेशन में बदलाव लाने वाला एडुटेक में शामिल किया जाता है। इसी तरह फाइनेंस के लिए फिनटेक, एग्रीकल्चर के लिए एग्रिटेक, रिटेल टेक, ई-कॉमर्स, ई-गवर्नेंस आदि डोमेन बनाए गए हैं। स्टार्टअप कंपनियां भी इन्हीं डोमेन के अंतर्गत आवेदन करती हैं और उसी के अनुसार समस्या का नया समाधान निकालती हैं।
चुनौती 2.0 प्रोग्राम में महिलाएं सबसे अधिक मेड-टेक यानी मेडिकल समस्याओं से जुड़ी परेशानियों का समाधान निकालते हुए स्टार्टअप शुरू कर रही हैं।
आइए जानते हैं क्या है सरकार की यह पहल, महिलाएं कैसे उठा रहीं इसका लाभ .....
क्या है चुनौती 2.0, स्टार्टअप को कैसे पहुंचाता है फायदा
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय के तहत आने वाली संस्था एसटीपीआई की ओर से देशभर में महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे स्टार्टअप को बूस्ट करने के लिए खास प्रोग्राम चलाया जा रहा है। नेक्स्ट जेनरेशन टेक्नोलॉजी स्कीम के तहत देशभर की 79 महिला एंटरप्रेन्योर्स के आइडियाज को सिलेक्ट किया गया। इस प्रतियोगिता का नाम चुनौती 2.0 रखा गया है।
इस प्रोग्राम में महिलाओं के आइडियाज सिलेक्ट होने पर उन्हें दो तरह से सहायता मिलती है। पहले आर्थिक तौर पर एक प्रोजेक्ट के लिए 25 लाख रुपए एसटीपीआई की तरफ से दिए जाते हैं। हर महीने 10 हजार रुपए का स्टाइपेंड भी दिया जाता है। दूसरा फायदा यह होता है कि उनके लिए मेंटर पूल तैयार किया जाता है। जहां देश की बड़ी- बड़ी कंपनियों के हेड उनके प्रोडक्ट को मार्केट के अनुसार तैयार करने के लिए गाइडेंस देते हैं। टेक्निकल सहायता मिलती है। मार्केट से सीधा कनेक्शन मिलता है। प्रोडक्ट या टेक्नोलॉजी को मार्केट में किस तरह लाना है यह कला सिखाई जाती है। स्टार्टअप आइडिया को प्रोडक्ट में बदलने के लिए एसटीपीआई इनोवेटर्स को पांच साल का समय देती है।
कितनी महिला एंटरप्रेन्योर्स के लिए मददगार बना चुनौती 2.0
एसटीपीआई की ओर से साल 2021 अगस्त में चुनौती 2.0 प्रोग्राम शुरू किया गया था। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से कुल 316 महिलाओं ने आवेदन किया था। इनमें से 79 महिलाओं के स्टार्टअप आइडिया को कई तरह के टेस्ट के बाद फाइनल सिलेक्ट किया गया। इस प्रोग्राम को एसटीपीआई ने खास महिलाओं को प्रेरित करने के लिए शुरू किया था।
इन छोटे शहरों में पहुंचकर महिलाओं को सिखाएंगे
एसटीपीआई के नेक्स्ट जनरेशन इनक्यूबेशन स्कीम ( एनजीआईएस) के तहत चुनौती प्रतियोगिता के साथ ही देश के छोटे शहरों में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एसटीपीआई सेंटर चलाए जाते हैं। यह सेंटर अगरतला, भिलाई, भोपाल, भुवनेश्वर, देहरादून, गुवाहाटी, जयपुर, लखनऊ, प्रयागराज, मोहाली, पटना और विजयवाड़ा में स्थित हैं। इस सेंटरों पर एसटीपीआई के मेंटर्स समय - समय पर नई टेक्नोलॉजी पर सेमिनार, वर्कशॉप आयोजित करते हैं। ताकि जो लोग किसी आइडिया पर काम कर रहे हैं और स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं उन्हें नए कनेक्शन मिल सके और सरकारी योजनाओं की जानकारी मिल सके।
इसी के साथ इन सेंटर्स पर चुनौती या इसी तरह के प्रोग्राम में सिलेक्ट हुए एंटरप्रेन्योर्स को काम करने के लिए सेफ स्पेस भी दिया जाता है। जिसे वह जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
देशभर की यह बड़ी कंपनियां करती हैं मेंटरशिप
चुनौती 2.0 में चयनित होने के बाद हर महिला एंटरप्रेन्योर को एक मेंटर दिया जाता है। वह उन्हें समय-समय पर गाइड करता है। प्रोडक्ट को इंडस्ट्री और यूजर के मुताबिक कैसे और किस तरह तैयार करना है इसमें भी मदद करते हैं। स्टार्टअप कंपनियों को एक्सपर्ट एडवाइस देते हैं। एसटीपीआई के मेंटर पूल में नैसकॉम फाउंडेशन के चेयरमैन से लेकर विप्रो, इनक्यूब और नेट सॉल्यूशन आदि बड़ी - बड़ी कंपनियों के फाउंडर और सीईओ शामिल हैं। एनजीआईएस सेंटर्स के चीफ मेंटर बनते हैं।
श्री अरविंद कुमार, डीजी- एसटीपीआई, स्टार्टअप इनोवेशन अवार्ड्स 2022 समारोह में भाग लेंगे और एसटीपीआई के 4 स्टार्टअप्स को विभिन्न डोमेन में नवाचार उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार प्रदान करेंगे।
दिनांक और समय : 25 मार्च 2022, दोपहर 2:30 बजे - शाम 4:00 बजे
रजिस्टर करें :यहां क्लिक करें
श्री अरविंद कुमार, डीजी-एसटीपीआई एक पैनल चर्चा "डिजिटल इंडिया का छठा वर्ष: भारत को एक डिजिटल सशक्त अर्थव्यवस्था में बदलने में हम कितने सफल हैं" में भाग लेंगे पर और अपने विचार साझा करेंगे।
दिनांक और समय : 24 मार्च 2022, सुबह 10:00 बजे
रजिस्टर करें : यहाँ क्लिक करें
Date: February 18, 2022
नेक्स्ट जनरेशन इन्कुबेशन स्कीम–(एनजीआईएस) के जरिये उत्तर प्रदेश के टेक्नोलॉजी स्टार्ट अप्स के लिए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ़ इंडिया द्वारा चुनौती चैलेंज के तीसरे चरण की शुरुवात
एसटीपीआई-लखनऊ ने नेक्स्ट जनरेशन इनक्यूबेशन स्कीम (एनजीआईएस) के अंतर्गत चुनौती 3.0 के लिए तीसरे राउंड के चैलेंज प्रोग्राम आऊटरीच वेबिनार का आयोजन किया तथा प्रदेश के स्टार्टअप्स को इस स्कीम के बारे में जागरूक किया। भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) द्वारा तैयार नेक्स्ट जनरेशन इनक्यूबेशन स्कीम (एनजीआईएस) का कार्यान्वयन एसटीपीआई द्वारा किया जा रहा है, जिससे की देश को विकास, नवाचार और कुशल सॉफ्टवेयर उत्पादों के विकास, उत्पादन और आपूर्ति में एक वैश्विक मानक बनाया जा सके, जैसा कि सॉफ्टवेयर उत्पादों पर राष्ट्रीय नीति-(NPSP) – 2019 में लागू किया गया है। एनजीआईएस योजना लखनऊ व प्रयागराज को मिलाकर देश के कुल 12 स्थानों पर शुरू किया गया है।
चुनौती 3.0 के माध्यम से एसटीपीआई डिजिटल परिवर्तन और सुलभ उत्पादों / समाधानों की दिशा में काम करने वाले होनहार स्टार्ट-अप की पहचान और समर्थन करना चाहता है।
चुनौती 3.0 निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है:
• फिनटेक - फाइनैंशल इन्क्लूसन, सीमलेस & कॉस्ट-इफेक्टिव फाइनेंसियल ट्रांसक्शन्स
• हेल्थ & वेलनेस, एजुकेशन & स्किल एनहैंसमेंट, ई-कॉमर्स
• इंटरप्राइज़ सॉफ्टवेयर - एस ए ए एस, एन्वॉयरन्मेंट, टूरिज़म एंड हॉस्पिटैलिटी
• ई-गवर्नेंस सोल्युशन्स
• कृषि, साइबर सिक्योरिटी, असिस्टिव टेक्नोलॉजी सोलूशन्स फॉर पर्सन्स विथ डिसैबिलिटीज
चयनित स्टार्टअप्स को रु. 25 लाख तक की सीड फंडिंग की प्रदान की जाएगी और प्री-इनक्यूबेशन प्रोग्राम में चुने गए स्टार्टअप को रु. 10,000 प्रति माह का भुगतान भी किया जाएगा। वेबिनार में लगभग 200 स्टार्टअप/आईटी कंपनियों ने भाग लिया गया, तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र से जुड़े छात्रों की भी उपस्तिथि रही।
इस अवसर पर श्री सुबोध सचान, निदेशक, एसटीपीआई मुख्यालय ने उद्धृत किया कि “सरकार ने डिजिटल समावेशन में बहुत कुछ किया है। बजट 2022 सभी क्षेत्रों में तकनीक में प्रगति पर भी ध्यान केंद्रित करता है। आरबीआई का कहना है, 2017-21 के दौरान, डिजिटल समावेशन 43% था, जो डिजिटल समावेशन के विस्तार की आवश्यकता को दर्शाता है। एनजीआईएस कार्यक्रम टियर 2 तथा टियर 3 शहरों में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रित रहा है। चुनौती 1 और 2 में, हमें 8,392 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें हमने 171 स्टार्टअप को चुना। चुनौती 3 में हम 100 और स्टार्टअप्स की उम्मीद कर रहे हैं। एसटीपीआई के अंतर्गत, हमने टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम में क्रांति लाने पर विशेष जोर दिया है। हमारे द्वारा 3 साल पहले शुरू की गई स्टार्टअप पहल का समर्थन करने के लिए हम सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आभारी है।
एसटीपीआई-लखनऊ के प्रभारी अधिकारी श्री सूर्य कुमार पट्टनायक ने लखनऊ व प्रयागराज की विभिन्न विशेषताओं और क्षमता पर विस्तार से प्रकाश डाला और स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स से नेक्स्ट जेन चैलेंज में बड़े पैमाने पर भाग लेने और एनजीआईएस के सुविधाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया।
प्रो. डी एस यादव, प्रमुख-सीएसई विभाग, आईईटी-लखनऊ ने एस टी पी आई को बधाई दी एवं 3.0 का हिस्सा बनने में प्रसन्नता व्यक्त की। और उन्होने छात्रों को अवधारणा बनाने और विचारों को वास्तविकता में बदलने के लिए प्रोत्साहित किया ।
प्रो. अनुपम अग्रवाल, आईटी विभाग, IIIT प्रयागराज ने बताया कि IIIT प्रयागराज में स्टार्टअप और नवोदित उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए इनक्यूबेशन सेंटर पहले से ही उपलब्ध है। उन्होंने डिजिटल एक्सेसिबिलिटी कि उपयोगिता को बताते हुए कहा कि डिजिटल एक्सेसिबिलिटी फिजिकल एक्सेसिबिलिटी का विकल्प है।
संदीप सक्सेना, उपाध्यक्ष एसोचैम, लखनऊ चैप्टर ने बताया कि "भारत में स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने की अपार संभावनाएं हैं। हम स्टार्टअप्स को पोषित करने में उनका साथ दे रहे हैं। #CHUNAUTI3.0 छात्रों, युवा उद्यमियों के बीच उद्यमिता का माहौल तैयार करेगा।"
अभिषेक तिवारी, सहायक निदेशक, केपीएमजी, पीआईयू , सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार, ने कहा कि "भारत बुनियादी ढांचे के माध्यम से हर मील पर जुड़ रहा है। हम स्टार्टअप को भारत सरकार द्वारा दिए जा रहे ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का व्यावसायिक रूप से उपयोग करने के लिए आमंत्रित करते हैं। इससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार और चिकित्सा सुविधाएं पैदा होंगी।"
डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी, संयुक्त निदेशक एसटीपीआई लखनऊ ने योजना एवं स्टार्टअप चैलेंज के बारे में विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया एवं कहा कि एनजीआईएस टियर -2 शहरों में 300 स्टार्टअप का पोषण करने का लक्ष्य बना रहा है और वांछित समर्थन पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करके योजना से 50 पेटेंट की उम्मीद कर रहा है|उन्होंने कहा कि एनजीआईएस एक फ्यूचरिस्टिक इन्क्यूबेशन स्कीम है, जो एक कॉमन प्लेटफार्म के तहत विभिन्न एसटीपीआई इनक्यूबेशन सुविधाओं के माध्यम से पूरे भारत वर्ष में 300 स्टार्ट अप के लिए नेटवर्किंग, मेंटरशिप, इंटर्नशिप के द्वारा होनहार स्टार्टअप्स को सक्षम बनाने में कारगर सिद्ध होगी|
कार्यक्रम का संचालन एसटीपीआई प्रयागराज के अपर निदेशक निखिल राय ने किया एवं कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में, स्टार्टअप्स वर्तमान चुनौतियों का समाधान करने के लिए अभिनव उत्पादों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। साथ ही उन्होंने स्टार्टअप को चुनौती चैलेंज 3.0 में प्रतिभाग करने के लिए अपील की और बताया कि अंतिम तारीख़ 10 मार्च, 2022 तक इच्छुक आवेदक अपना आवेदन कर सकते हैं|
आवेदन के लिए वेबसाइट: https://innovate.stpinext.in/about-us/CHUNAUTI-3.0
भारत में अग्रणी तकनीकी स्टार्टअप इन्क्यूबेटर्स में से एक के रूप में एस. टी. पी. आई.